खास बातें
difference between Jayanti and janmotsav हनुमान जयंती हो या हनुमान जन्मोत्सव इस पर हर किसी का अपना-अपना नजरिया है. तर्क और स्पष्टीकरण हैं. जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा धात्री और स्वधा, इन सभी नामों के अर्थ देवी दुर्गा के लिए उपयुक्त हैं.
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Hanuman Janmotsav 2024 हनुमान जी को हमेशा अमरता का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए जयंती का अर्थ उनसे कैसे मेल खाता है, तो यह समझना जरूरी है कि जयंती उस विशेष घटना को दर्शाता है जब वह पृथ्वी पर आते हैं. उनका स्थान आज भी है, वे आज भी ब्रह्मांड में विद्यमान हैं, इसलिए जयंती का होना उनके जन्म से जुड़ा है और हर साल उनकी जयंती का आयोजन किया जाता है.
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यदि किसी महत्वपूर्ण घटना एवं शुभ संयोग के घटित होने को जन्मोत्सव माना जाता है तो उस प्रसंग में हनुमान जी का अवतार विद्यमान रहता है. ऐसे कई शब्दों के अर्थ हमें जयंती के रूप में मिलते हैं, इसलिए इसे हनुमान जयंती कहें या हनुमान जन्म दिवस, यह दिन भक्तों के लिए बहुत खास दिन है. लेकिन हनुमान जी के जन्मदिन को जयंती कहा जाए या जन्मोत्सव, इसे लेकर विवाद से बचना ही बेहतर होगा.
हनुमान जन्मोत्सव विशेष
भगवान हनुमान के पृथ्वी पर अवतार का दिन सभी भक्तों के लिए बहुत शुभ है. इस दिन को देशभर में लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. कुछ लोग इसे हनुमान जयंती तो कुछ लोग इसे हनुमान जन्मोत्सव भी कहते हैं. यदि हम शब्दों को ध्यान से देखें तो हमें यहां कई अर्थ मिलते हैं. ऐसे में दोनों एक ही हैं या दोनों में कोई अंतर है तो ऐसी स्थिति में संस्कृत का ज्ञान और शब्दों के अर्थों की अभिव्यक्ति का होना जरूरी है. इसको लेकर लोग असमंजस में रहते हैं. आइए जानते हैं क्यों है इतना विवाद.
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी के जन्म और उनके धरती पर अवतार से जुड़े कई तथ्य हैं और कई मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसके अलावा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव का त्योहार भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव?
चाहे इसे हनुमान जयंती कहा जाए या हनुमान जन्मोत्सव, इन दोनों शब्दों के अर्थ की गंभीरता और विशिष्टता पर ध्यान देने की जरूरत है. फिर लोगों की अपनी-अपनी राय होती है लेकिन दोनों को बराबर माना जाता है. कुछ विचारकों का मानना है कि हनुमान जी के जन्मदिन को जयन्ती नहीं बल्कि जयन्ती कहना उचित होगा. क्योंकि भगवान हनुमान कलियुग के जीवित या जागृत देवता हैं. ऐसे में कुछ लोग इसे जयंती न कहकर जयंती न कहने का तर्क देते हैं.हनुमान (जन्मोत्सव) पर सर्वबाधा निवारण और मनोकामाना पूर्ण करने हेतु महाबली हनुमान की पूजा और पाएं शत्रुओं के संकट से मुक्ति 23 अप्रैल 2024
जयन्ती का अर्थ है विजय और जन्मोत्सव का अर्थ है जन्म का उत्सव, इन दोनों में व्यक्ति के न रहने से यह अर्थ नहीं निकलता कि शब्द में कोई अन्तर आया है. अत: यहां केवल किसी घटना के घटित होने का ही संबंध है, उस घटना के अंत का उल्लेख यहां नहीं किया गया है. तो इन दोनों का अर्थ देखें तो हनुमान जी का अस्तित्व ही जन्मोत्सव है और उनके अस्तित्व का समय ही भक्त के लिए उत्सव है.
जयंती को मृत्यु नहीं अपितु विजय श्री से संबंधित किया गया है.ऎसे में इस स्थिति को उस विशेष घटना के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसने मानव जीवन के साथ साथ सृष्टि पर गहरा प्रभाव डाल और इसी के शुभ घटना क्रम या कहें विशेष घटना को उत्सव के रुप में मनाना उसके प्रति समर्पण एवं भक्ति भाव का प्रतिनिधित्व करता है.