जीवन में सभी बाधाओं का निवारण करने वाले भगवान गणेश की स्तुति के लिए जय गणेश आरती की जाती है। गणेश आरती शुरू करने और जप करने से पहले, ऊपर की ओर देखते हुए सबसे पहले शैल को फोड़ना चाहिए। निचले स्वर में शेल को शुरू करें, इसे बाद में बढ़ाएं। घी और कॉटन बॉल से बना दीया प्रज्वलित करें। आप आरती के लिए कपूर का दीया भी जला सकते हैं। तत्पश्चात जय गणेश देव आरती का जाप शुरू करें। आरती करते समय ताली बजाएं।
गणेश आरती :
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Shri Ganesh Bhagwan Aarti Lyrics in English