खास बातें
नदियों को देवी का स्वरूप माना जाता है और उनमें स्नान करना पवित्र माना जाता है।
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नदी में नंगे पैर स्नान का ज्योतिषीय महत्व और समय
नदी में नंगे पैर स्नान करना केवल धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। ज्योतिष शास्त्र में, ग्रहों को नदियों का नियंत्रक माना जाता है। नदी में स्नान करने से ग्रहों के सकारात्मक प्रभावों को ग्रहण करने में मदद मिलती है। ज्योतिष में, कुछ दोषों (जैसे कि पितृ दोष, राहु-केतु दोष) का निवारण नदी में स्नान करने से हो सकता है।: नदी में स्नान करने से मन को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
नदी में स्नान का समय:
सूर्योदय: सूर्योदय के समय नदी में स्नान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
विशेष दिन: कुछ विशेष दिनों जैसे कि सोमवार, गुरुवार, और पूर्णिमा को नदी में स्नान करना अधिक फलदायी होता है।
ग्रहों की स्थिति: ज्योतिषी किसी व्यक्ति की कुंडली के आधार पर नदी में स्नान करने का सबसे शुभ समय निर्धारित कर सकते हैं।
नदी में स्नान समय मन्त्र
1. गंगा स्नान मंत्र:
ॐ गङ्गे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती । नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु ।।
अर्थ:
हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी नदियों! आप सभी मेरे इस स्नान के जल में पधारें।
2. षड्ऋतु स्नान मंत्र:
ॐ ग्रीष्मे च वर्षाकाले च शरद्द ऋतौ च हेमन्ते । वसन्ते चैव तुषारे च स्नानं पुण्यं प्रजानाम् ।।
अर्थ:
ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, वसंत और तुषार ऋतु में स्नान करना सभी लोगों के लिए पुण्यदायक होता है।
3. सूर्य स्नान मंत्र:
ॐ सूर्याय नमः ।।
अर्थ:
सूर्यदेव को नमस्कार।
4. जलदेवता स्नान मंत्र:
ॐ जलदेवताय नमः ।।
अर्थ:
जलदेवता को नमस्कार।
5. पवित्र स्नान मंत्र:
ॐ गङ्गादेव्यै नमः ।।
अर्थ:
गंगा देवी को नमस्कार।